Tuesday 11 October 2011

DESHBANDHU

  जीवन का यह अजीब खेल है कि आज से लगभग ४० साल पहले मैंने जहाँ से जीवन शुरू किया था आज वहीं लौट कर गया था इस दौरान मैं पता नहीं ज़िन्दगी के कितने पड़ाव देख चूका पर आज श्री ललित सुरजन के सामने बैठकर कुछ ऐसा लग रहा था कि जैसे यह अन्तराल कितना छोटा था